हेलो दोस्तों, आपने ड्रोन का नाम तो सुना होगा और शायद आपने इसे देखा भी होगा। जहा कुछ सालो पहले ड्रोन्स को उड़ते हुए देखकर हर किसी को आश्चर्य होता था तो वही आज के समय में इन्हे उड़ते हुए देखना कोई बड़ी बात नहीं है। तो ऐसे में अगर आप भी ड्रोन खरीदकर उड़ाना चाहते है तो आपको इससे जुडी हुई जानकारी जरूर पता होनी चाहिए। इसलिए इस पोस्ट में मैं आपको बताने वाला हु कि भारत में ड्रोन उड़ाने के नियम (drone rules of India) क्या है ?
तो आईये विस्तार से जानते है
इन ड्रोन्स का इस्तेमाल दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे दो बड़े कारण है एक तो दिनोदिन इसके आकार और क़्वालिटी में सुधार और दूसरा बाजार में इसकी लगातार कम होती कीमते।
इन ड्रोन्स ने इंसानो के काम को और भी आसान कर दिया है क्योंकि जहा पर हम इंसान आसानी से नहीं पहुँच सकते या फिर जहा पर जाने में किसी की जान को खतरा हो, ऐसे दुर्गम स्थानों पर ड्रोन्स का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। जैसे किसी भी देश के बॉर्डर एरिया में हवाई निगरानी, वैज्ञानिक अनुसंधानों जैसे ज्वालामुखी की वीडियो और इमेज लेना, आपदाकाल में बाढ़ एवं दलदली क्षेत्रो का जायजा लेना आदि।
और आजकल तो कई देशो में ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा कस्टमर को घर बैठे उनकी जरुरत का सामान पहुंचाया जाने लगा है।
लेकिन हम यहाँ पर केवल उन साधारण ड्रोन्स के बारे में ही बात करेंगे जिनका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते है।
भारत सरकार ने इन ड्रोन्स को आकार में पांच प्रकार से विभाजित किया है। जो कि निम्न प्रकार है -
1. नेनो श्रेणी - जो कि 250 ग्राम से ज्यादा वजन के होते है।
2. माइक्रो श्रेणी - ये ड्रोन 250 ग्राम से 2 किलो तक के होते है।
3. स्माल श्रेणी - ये ड्रोन्स 2 किलो से 25 किलोग्राम तक के होते है।
4. मीडियम श्रेणी - ये ड्रोन्स 25 किलो से 150 किलोग्राम वजन वाले होते है।
5. लार्ज श्रेणी - ये ड्रोन्स 150 किलोग्राम से ज्यादा वजन वाले होते है।
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इसके लिए 27 अगस्त 2018 को भारतीय विमानन मंत्रालय द्वारा Drone Policy जारी की गयी है। इसके अंतर्गत "लाइन ऑफ़ साईट" यानि जहा तक नजर देख सकती है केवल वहाँ तक के लिए ही ड्रोन उड़ाने की मंजूरी मिलेगी।
तो आईये अब जानते है कि भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए क्या नियम है ?
1. लाइसेंस लेने वाले की उम्र कम से कम 1 वर्ष की होनी चाहिए।
2. लाइसेंस लेने वाले को अंग्रेजी का ज्ञान होना चाहिए
3. लाइसेंस प्राप्तकर्ता कक्षा दसवीं में पास होना चाहिए।
1. नेनो और माइक्रो श्रेणी के ड्रोन्स को छोड़कर बाकी ड्रोन्स के लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिये नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आपको यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) मिलेगा।
2. निजी ड्रोन्स को सिर्फ दिन के समय में (200 फ़ीट तक) ही उड़ाया जा सकेगा।
3. नेनो और माइक्रो श्रेणी के ड्रोन्स के अलावा बाकि ड्रोन्स के लिए पायलट को प्रशिक्षण लेना होगा।
4. ड्रोन को किसी भी चलती गाड़ी, जहाज या विमान से उड़ाने की अनुमति नहीं है।
5. ड्रोन को किसी भी सवेंदनशील इलाको जैसे इंटरनेशनल बॉर्डर, समुद्र तटीय क्षेत्र, अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (5 किलोमीटर के दायरे में) के पास, मिलिट्री क्षेत्र, सचिवालय आदि के आस पास किसी भी स्थिति में नहीं उड़ाया जा सकता।
6. उड़ते हुए ड्रोन से किसी भी पदार्थ को गिराना, खतरनाक सामग्री, मानव और पशु को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
तो दोस्तों ये थी जानकारी भारत में ड्रोन उड़ाने के नियम के बारे में। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने जरूर शेयर करे और आपके कोई सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट करे।
धन्यवाद।
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तो आईये विस्तार से जानते है
भारत में ड्रोन उड़ाने के नियम क्या है | New drone rules of India 2019 |
Drone किसे कहते है ?
ड्रोन एक ऐसा चालक रहित विमान है जिसे रिमोट द्वारा दूर से ही संचालित किया जा सकता है। यानी यह एक ऐसी रोबोटिक मशीन है जो उड़ते हुए किसी भी जगह की वीडियो फुटेज और इमेज ले सकता है। इसे हम Quadcopter भी कह सकते है क्यूंकि इस मशीन को उड़ने के लिए इसमें सामान्यतः चार रोटर इस्तेमाल किये जाते है।इन ड्रोन्स का इस्तेमाल दिनोदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसके पीछे दो बड़े कारण है एक तो दिनोदिन इसके आकार और क़्वालिटी में सुधार और दूसरा बाजार में इसकी लगातार कम होती कीमते।
इन ड्रोन्स ने इंसानो के काम को और भी आसान कर दिया है क्योंकि जहा पर हम इंसान आसानी से नहीं पहुँच सकते या फिर जहा पर जाने में किसी की जान को खतरा हो, ऐसे दुर्गम स्थानों पर ड्रोन्स का इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। जैसे किसी भी देश के बॉर्डर एरिया में हवाई निगरानी, वैज्ञानिक अनुसंधानों जैसे ज्वालामुखी की वीडियो और इमेज लेना, आपदाकाल में बाढ़ एवं दलदली क्षेत्रो का जायजा लेना आदि।
और आजकल तो कई देशो में ई कॉमर्स कंपनियों द्वारा कस्टमर को घर बैठे उनकी जरुरत का सामान पहुंचाया जाने लगा है।
Drone कितने प्रकार का होता है ?
सामान्यतः ड्रोन दो प्रकार के होते है। पहला सामान्य ड्रोन जो कि किसी के भी द्वारा अपने दैनिक जीवन में प्रयोग किये जा सकते है और दूसरा एडवांस ड्रोन जिनका उपयोग देश की रक्षा हेतु सेना द्वारा किया जाता है। ये ड्रोन साधारण ड्रोन के मुकाबले काफी एडवांस और बड़े आकार के हो सकते है।लेकिन हम यहाँ पर केवल उन साधारण ड्रोन्स के बारे में ही बात करेंगे जिनका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते है।
भारत सरकार ने इन ड्रोन्स को आकार में पांच प्रकार से विभाजित किया है। जो कि निम्न प्रकार है -
1. नेनो श्रेणी - जो कि 250 ग्राम से ज्यादा वजन के होते है।
2. माइक्रो श्रेणी - ये ड्रोन 250 ग्राम से 2 किलो तक के होते है।
3. स्माल श्रेणी - ये ड्रोन्स 2 किलो से 25 किलोग्राम तक के होते है।
4. मीडियम श्रेणी - ये ड्रोन्स 25 किलो से 150 किलोग्राम वजन वाले होते है।
5. लार्ज श्रेणी - ये ड्रोन्स 150 किलोग्राम से ज्यादा वजन वाले होते है।
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भारत में ड्रोन उड़ाने के नियम क्या है?
जिस तरह से कई देशो में ड्रोन उड़ाना एक सामान्य बात है ठीक उसके विपरीत भारत में सरकार द्वारा ड्रोन उड़ाने को लेकर कुछ नियम कायदे बनाये है जिनके दायरे में रहकर ही यहाँ पर ड्रोन उडाना संभव हो सकता है और ड्रोन उड़ाते समय यदि आप इन नियमो का पालन नहीं करते है तो आपको जेल भी हो सकती है।इसके लिए 27 अगस्त 2018 को भारतीय विमानन मंत्रालय द्वारा Drone Policy जारी की गयी है। इसके अंतर्गत "लाइन ऑफ़ साईट" यानि जहा तक नजर देख सकती है केवल वहाँ तक के लिए ही ड्रोन उड़ाने की मंजूरी मिलेगी।
तो आईये अब जानते है कि भारत में ड्रोन उड़ाने के लिए क्या नियम है ?
लाइसेंस हेतु योग्यता:
1. लाइसेंस लेने वाले की उम्र कम से कम 1 वर्ष की होनी चाहिए।
2. लाइसेंस लेने वाले को अंग्रेजी का ज्ञान होना चाहिए
3. लाइसेंस प्राप्तकर्ता कक्षा दसवीं में पास होना चाहिए।
भारत में ड्रोन उड़ाने नियम क्या है
1. नेनो और माइक्रो श्रेणी के ड्रोन्स को छोड़कर बाकी ड्रोन्स के लिए डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के जरिये नागरिक उड्डयन महानिदेशक (DGCA) के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद आपको यूनिक आइडेंटिफिकेशन नंबर (UIN) मिलेगा।
2. निजी ड्रोन्स को सिर्फ दिन के समय में (200 फ़ीट तक) ही उड़ाया जा सकेगा।
3. नेनो और माइक्रो श्रेणी के ड्रोन्स के अलावा बाकि ड्रोन्स के लिए पायलट को प्रशिक्षण लेना होगा।
4. ड्रोन को किसी भी चलती गाड़ी, जहाज या विमान से उड़ाने की अनुमति नहीं है।
5. ड्रोन को किसी भी सवेंदनशील इलाको जैसे इंटरनेशनल बॉर्डर, समुद्र तटीय क्षेत्र, अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (5 किलोमीटर के दायरे में) के पास, मिलिट्री क्षेत्र, सचिवालय आदि के आस पास किसी भी स्थिति में नहीं उड़ाया जा सकता।
6. उड़ते हुए ड्रोन से किसी भी पदार्थ को गिराना, खतरनाक सामग्री, मानव और पशु को ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
तो दोस्तों ये थी जानकारी भारत में ड्रोन उड़ाने के नियम के बारे में। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आयी हो तो इसे अपने जरूर शेयर करे और आपके कोई सवाल या सुझाव हो तो हमे कमेंट करे।
धन्यवाद।
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